कुछ देर वह खिड़की की सिल पर सिर रखे चारपपाई पर बैठी रही।
3.
कल रात से लगातार गिर रही है, खिड़की की सिल पर करीब बीस सैंटीमीटर बर्फ जमी है.
4.
क्षण-भर के लिए आँखें मुँद जातीं, तो खिड़की की सिल सुशील की छाती का रूप ले लेती।
5.
कल रात से लगातार गिर रही है, खिड़की की सिल पर करीब बीस सैंटीमीटर बर्फ जमी है.
6.
अपनी आख़िरी परीक्षा के बारे में अपने सपनों में मुझे यह दिखाई देता है-खिड़की की सिल पर बैठे, ज़ंजीर से फ़र्श पर बंधे दो बन्दर, फड़फड़ाता है उनके पीछे आसमान स्नान कर रहा है समुन्दर.
7.
ब्रूगेल के दो बन्दर अपनी आख़िरी परीक्षा के बारे में अपने सपनों में मुझे यह दिखाई देता है-खिड़की की सिल पर बैठे, ज़ंजीर से फ़र्श पर बंधे दो बन्दर, फड़फड़ाता है उनके पीछे आसमान स्नान कर रहा है समुन्दर.
8.
एक आशीष मुझको बड़ों ने दिया, दूजे वरदान इक शारदा दे गई काव्य की वीथियों में उमड़ती हुई, भाव की एक भागीरथी बह गई योग मेरा तो इसमें नहीं है तनिक, मैने शब्दों से केवल चितेरा उसे मेरी खिड़की की सिल पे आ गाते हुये बात गौरेय्या जो एक है कह ह गई
9.
करे कार्तिक दीपों की अगवानी की बातें या फ़ागुन खेतों को भेजे सोने के गहने हरे गलीचे करें तीज का स्वागत पथ बिछकर आँगन देहरी, रंगबिरंगी राँगोली पहनें चित्र तुम्हारे ही ओढ़ा करती हैं दीवारें और अजन्ता एलोरा की गलियाँ बन जातीं खिड़की की सिल पर आ बैठी एक कोई कोयल एक तुम्हारे स्वर से उपजा हुआ राग गाती
10.
पिता जी की तरफ खिड़की की सिल पर पंचांग, कल्याण के नये पुराने अंक, पत्र लिखने के लिये के उनके नाम का पैड, कलम, गांधी जी के सिद्धांतों के अनुसार छोटी-छोटी पेंसिलें, ऊनी टोपी, जुराबें हाथ-पाँव पोंछने के लिये छोटा सा तौलिया, चश्में के खोल, कुछ नये पुराने पोस्ट कार्ड आदि-आदि न जाने कितनी छोटी मोटी चीज़ें।